मप्र में अब लाड़ली नहीं लखपति बहनें ?
योगन्द्र पटेल{राजनीतिक-सामाजिक विश्लेषक }
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन को लागू करने सरकार को फोकस किया जा रहा है। प्रधामंत्री की मंशा है कि कोई भी बहन को किसी के भी सामने हाथ न फैलाना पड़े,यहां तक की सरकारों के पास भी हाथ फैलाकर मांगना न पड़े इस नीति पर कार्य करने कहा जा रहा है। भाजपा संगठन उन विधायकों को चिन्हित कर रहा है जो सिर्फ नेता बनकर काम न करें,स्वयं के प्रयास से स्थानीय स्तर पर आर्थिक बदलाव लाने हेतु कार्य करें उन्हे बड़े जिम्मेदारी देने पर विचार हो रहा है।
भाजपा ने तीनों राज्यों में अपेक्षाकृ
त नए और अनजान चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया हैए इसका क्या संदेश है, आप कुद सोच सकते हैं प्रधानमंत्री उन जन सेवकों को फिल्टर कर है है जो असल में सेवा के लिए नेता बने हैं। प्रधानमंत्री मोदी का सपना देश के हर गरीब नागरिक को आग बढाना है,यह अलग बात है कि उनकी इस पहल से कुछ कथित नेताओं में छटपटाहट है।
प्रधानमंत्री एक इंटरव्यू में कहते हैं राजनेताओं को अब समझ जाना चाहिए कि सेवा ही उनका परम धर्म है,वहीं घिसी-पिटी बंद मानसिकता से कार्य करने की प्रवृति में अब बदलाव की आवश्यकता है।
दो करोड़ महिलाओं को उद्यमी बनाना चाहते हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो करोड़ महिलाओं को हर माह 10 से एक लाख माह तक की कमाई पर लाना चाह रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को साफ शब्दों में कहा है ऐसा प्रयास करें की महिलाएं आत्मनिर्भर बने,उन्हे किसी से मांगने की जरूरत न पड़ें। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भी इसी लिए बड़ी जिम्मेदारी दी है। यादव किसान परिवार से आते हैं एवं संघर्ष कर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। प्रधानमंत्री को विधायकों से भी उम्मीद कर रहे हैं िक वे भी खुद के नवाचार से कुछ करें सिर्फ योजनाओं के भरोषे या उन्हे गिनाने तक का ही कार्य न करें।
लखपति बहना योजना में क्या?
महिला समूहों को किया जाएगा एक्टिव
सिविल सोसायटियों {NGO} को विकास में बनाया जाएगा भागीदार
किसाना उत्पाद संगठनों को बढ़ाया जाएगा
ग्रामों में ई-बाजार का प्रचार होगा
नमो ड्रोन दीदी योजनाए होगी लागू
एक जिला.एक उत्पाद और वोकल फॉर लोकल प्रमोट करने पर नई नीति
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